Wednesday, March 6, 2013

सिग्नल

रूप अनेकों हैं जिसके सिग्नल कहलाता है,
कदम कदम का साथी हमको राह बताता है।
सर्दी-गर्मी - धूप-ताप उसको न सताता है,
काम करे अविराम कभी आलस नहीं लाता है।।

 

बहु-संकेती सिग्नल में बहु-रंग दिखाता है,
लाल - हरा - पीला होकर यह राह बताता है।
चालक का है सखा कभी कोई द्वेष न रखता है,
हर खतरे से हर-पल सबकी जान बचाता है।।

 

लाल कहे रुक जाने को खतरे का द्योतक है,
पीला कहता चलो मगर रुकने की नौवत है।
हरा रंग खुशहाली का बस चलते जाना है,
पालन यदि करते इनका निष्कंटक जीवन है।।

 

राह करे आसान रंगों से सब कह जाता है,
यातायात अधिकता को भी सरल बनाता है।
समझदार को अवरोधों का ज्ञान कराता है
,
चुप रहकर सब कुछ कहने का हुनर सिखाता है।।

 

अगर कभी सिग्नल बिगड़े तो नियम ये कहता है,
मत करना प्रस्थान मित्र इसमें भी धोखा है।
असमंजस हो अगर सुनिश्चित बार-बार करना है,
दुर्घटना से देर भली कोई फर्क न पड़ता है।।

Sunday, January 13, 2013

संरक्षा-दोहे

संरक्षा ह़ी सार है जीवन का सुन लेऊ।
सब कछु पीछे छोड़कर ध्यान इसी पर देऊ।। 

दुर्घटना से अब तलक खूब हुआ नुकसान।
अब इस पर अंकुश लगे सुन लो सकल सुजान।।
 

अब तक जो भी हो गया उसपर मत पछताव।
और न कछु ऐसो घटे  बहुरि परै पछताव।।
 

रण में जो आगे लड़े सो जोधा कहलाय।
जिनको मौका मिल गयौ नाम देऊ लिखवाय।।
 


तन मन धन और अकाल कौ खूब करे नुकसान।
मधुशाला के फेर में मत पड़ रे इंसान।।
 


रेल चलाने का मिला ज़ग में तुमको काम।
उसको ऐसो कीजिये होय खूब गुणगान।।
 

गलत न हो निर्णय कहीं मन में लेऊ विचार।
मानवता पर भूल से, कहीं न हो जाये प्रहार।।
 


ऐसे कितने सूरमा करनी रही विशेष।
लापरवाही से चढ़े दुर्घटना की भेंट।।
 


ऐसौ मत करियो करम माथे लगे कलंक।
करनी ऐसी चीज़ है राजा करदे रंक।।

Wednesday, January 9, 2013

चालक-वीर

चालक-वीर कभी समझौता, संरक्षा के साथ न करना,
हर सिग्नल पर हर हालत में, पैनी नज़र हमेशा रखना।
समुचित निर्देशों का पालन, सच्चे मन से हर-दम करना,
बुद्धि विवेक सदा हो निर्मल, सच की छाप ह्रदय में रखना।।

अच्छा-बुरा कोई कह जाये, मन में रंज कभी नहीं लाना,
कर्म तुम्हारी पूजा है, प्रति-पल उसको ही दिल में रखना।
हानि-लाभ तो विधि के हाथों, उस चाहत में उलझ न जाना,
कदम दर कदम जो फल मिलता, उसी स्वाद में ख़ुशी मनाना।।


सेवा की यात्रा में मिलते, रेल-सखा से प्रेम बढ़ाना,
यात्री मित्रों की खुशियों में, हर क्षण तुम भी ख़ुशी मनाना।
कोशिस करके हर लमहा, बस खुशियों की सौगात लुटाना,
जीवन है क्षण-भंगुर इसमें, अच्छी यादें तुम दे जाना।।