Friday, May 24, 2019

खतरा सिग्नल

सिग्नल पार हो, ऐसी घड़ी न आय।
दुर्घटना से सबक ले, करलो चंद उपाय।।

सिग्नल की पहचान में, यदि शंका हो जाय।
गाड़ी को रोको सखा, सबको देओ जगाय।।

पीला सिग्नल पार ही, जो सतर्क हो जाय।
खतरा सिग्नल तक नही, भूले से भी जाय।।

गाड़ी काबू में चले, लो विश्वास जगाय।
याद रखो एक पल कभी, अति विश्वास न आय।।

जिन बातों से काम में, बाधा तुमको आय।
कोशिस करना बस यही, कोई और न फंसने पाय।।

गाड़ी आती देखकर, लाइट दियो झुकाय।
रात समय भ्रम से कोई, सिग्नल पार न जाय।।

जीवन मे SPAD का, सपना भी आ जाय।
कोशिस करना सच न हो, दुश्मन का भी भाय।।

यह मन मत धारण करो, मुझसे चूक न होय।
गलत न हो निर्णय कभी, मन मे रखो संजोय।।

तन मन से चौकस रहो, गति चाहे कम होय।
सावधान यदि ना रहे, दुर्घटना तब होय।।

सजग, सतत चौकस रहो, मन संकल्प संजोय।
खतरा सिग्नल से सदा, दूर रहो सब कोय।।

Thursday, August 18, 2016

आओ मिलकर रेल चलाऐं,

आओ मिलकर रेल चलाऐं,
दिल में यह संकल्प जगाऐं। 
हंसी ख़ुशी से जीवन पथ पर,
संरक्षा को अमल में लाऐं।।
काम हमारा जैसा भी हो,
धर्म समझकर उसे निभाऐं। 
रेल चले तो देश बढ़ेगा,
इस विचार को सबल बनाऐं।।
संयम की राहों पर चलकर,
लापरवाही दूर भगाऐं।
नियमों का अनुपालन करके,
संचालन को सफल बनाऐं।।
नशा-नींद से दूर रहें सब,
जीवन चंचल चपल बनाऐं।
दुर्घटना की घोर निराशा,
तत्परता से अंत कराऐं।।
स्वस्थ विचारों के हों अंकुर,
मलिन ख़याल कभी ना लाऐं।।
जीवन है क्षण-भंगुर मित्रो,
सफल सुनिश्चित इसे कराऐं।।
मन उपजे संताप कभी,
उस कारण का हर अक्स मिटाऐं।
हों अ'शोक सब जन-गण-मन,
ऐसी आशा के दीप जलाऐं।।

Friday, November 13, 2015

शंटिंग



इंजन-कोच-माल डिब्बों को
गाड़ी से कभी जोड़ो तोड़ो।
एक लाइन से अगर दूसरी
लाइन पर प्रस्थान करो।।1।।
शंटिंग करते समय हृदय में
बस इतनी सी बात रखो।
अधिकृत नियम और निर्देशों
का क्रम से अनुसरण करो।।2।।
शंटिंग के जो नियम बने
उनका न कभी उल्लंघन हो।
अगर प्रकट  दुविधा मन में
कभी नहीं प्रस्थान करो।।3।।
असमंजस से बचो हमेशा
अन-होनी से दूर रहो।
पाँच दशमलव तेरह चौदह
नियमों का अध्ययन करो।।4।।
मुख्य लाइन पर जाकर जब भी
शंटिंग का निष्पादन हो।
पाठ आठ नियमो की पुस्तक
का मन में आधार करो।।5।।
हे ! "संरक्षा वीर" हृदय में
ऐसा तुम संकल्प करो
दुर्घटना हो दूर रेल से
खुशियों का विस्तार करो।।6।।

Sunday, September 13, 2015

संरक्षा

संरक्षा है अटल शस्त्र जो कभी न धोखा देती।
यदि इसका सम्मान करो खुशियाँ जीवन में भरती।।
संरक्षा का रखो ध्यान यदि चाहो आप सफलता,
सच्चे मन से अपना लो कोई नहीं रहेगी शंका।
दुर्घटना से अभय दान संरक्षा सबको देती।
यदि इसका सम्मान करो...................।।
नियमों का सम्मान करोगे अगर मित्र जीवन में,
कभी न मन हो मलिन हमेशा ख़ुशी मिले कर्मों में।
दुर्घटना से रहित सफर संरक्षा सफल बनाती।
यदि इसका सम्मान करो...................।।
मन में हो संकल्प रेल दुर्घटना शून्य करेंगे,
नियमों से हम विमुख कभी जीवन में नहीं रहेंगे।
पग - पग पर जीवन की धारा संरक्षा से चलती।।
यदि इसका सम्मान करो...................।।