Friday, September 24, 2010

मोटरमैन

संरक्षा को नहीं भूलना,
मोटरमैन सदा रख ध्यान|
लाखों लोगों के जीवन की,
ज़िम्मेदारी का है काम||
सिग्नल लाल खड़ी हो गाड़ी,
कभी न करना जल्दी-बाज़ी|
बजे कभी भ्रम की यदि घंटी,
तू उसको लेना पहचान||
संरक्षा को...................
नींद-नशा हैं दुश्मन तेरे,
लापरवाही दिन भार घेरे|
इनसे मत होना हैरान,
बस अपना मकसद पहचान||
संरक्षा को.................
गलती से होती दुर्घटना,
इसका स्वाद हमें नहीं चखना|
सदा ह्रदय में रखना ज्ञान,
दुर्घटना अभिशाप समान||
संरक्षा को......................
 तू ऐसा रणवीर जवान,
जिसके हाथों रहे कमान|
अगर सभी गलती भी कर दें,
तू उसको लेना पहचान||
संरक्षा को.......................
 "संरक्षा दर्शन केअंक-२६ में प्रकाशित"

No comments: