हे चालक श्रमवीर तुम्हें चलते रहना है,
पल - पल में व्यवधान तुम्हें लड़ते रहना है|
समय - सुरक्षा - संचालन को ढाल बनाकर,
नित नए सफ़र पर बस तुमको बढ़ाते रहना है||
चिंता और तनाव यहाँ सर तान खड़े हैं,
व्यसनों के सब मकड़ जाल हर ओर घने हैं|
पर अपने मकसद को केवल ध्येय बनाकर,
हर हालत में तुमको हर पल खुश रहना है||
अपना एक उद्देश्य सफल संचालन का है,
सहकर्मी सहयोग सदा लेना देना है|
ख़ुशी ख़ुशी सबको उनकी मंजिल पहुंचाकर,
चहरे पर मुस्कान लिए घर में जाना है||
अंतर्मन की सदा सुनो वह सच कहता है,
सही गलत जो किया वहां सब कुछ दिखता है|
कार्य-कुशलता को शत प्रतिशत अंक लगाकर,
अपना कार्य तुम्हें हर पल अब्वल करना है||
पल - पल में व्यवधान तुम्हें लड़ते रहना है|
समय - सुरक्षा - संचालन को ढाल बनाकर,
नित नए सफ़र पर बस तुमको बढ़ाते रहना है||
चिंता और तनाव यहाँ सर तान खड़े हैं,
व्यसनों के सब मकड़ जाल हर ओर घने हैं|
पर अपने मकसद को केवल ध्येय बनाकर,
हर हालत में तुमको हर पल खुश रहना है||
अपना एक उद्देश्य सफल संचालन का है,
सहकर्मी सहयोग सदा लेना देना है|
ख़ुशी ख़ुशी सबको उनकी मंजिल पहुंचाकर,
चहरे पर मुस्कान लिए घर में जाना है||
अंतर्मन की सदा सुनो वह सच कहता है,
सही गलत जो किया वहां सब कुछ दिखता है|
कार्य-कुशलता को शत प्रतिशत अंक लगाकर,
अपना कार्य तुम्हें हर पल अब्वल करना है||
3 comments:
आदरणीय श्री संरक्षा जी, (क्योंकि आपका नाम ज्ञात नहीं है)
नमस्कार!
आपके ब्लॉग पर शायद दूसरी बार आना हुआ है! सुखद अनुभूति होती है!
सबसे पहले तो आपको एक सुन्दर ब्लॉग संचालन के लिए बधाई और शुभकामनाएँ!
द्वितीय आपको अवगत करा दूँ कि मैं भी दो दशक से अधिक समय तक रेल परिवार का हिस्सा रहा हूँ, इसलिए आपके सद्प्रयासों को समझता हूँ और रेल संरक्षा की वास्तविकता को भी अच्छे से जानता हूँ! मैं करीब दस साल तक रेल संरक्षा कार्यों से प्रत्यक्ष रूप से सम्बन्धित रहा हूँ| इसलिए रेल संरक्षा की वास्तविकता को भी जानता हूँ! रेल संरक्षा नियमों के बारे में उच्च रेल अफसरों की आपराधिक और अक्षम्य लापरवाही की वास्तविकता का आम लोगों को पता चल जाये तो रेल में बैठने से पूर्व सौ नहीं, हजार बार सोचेंगे! लेकिन चिंता की बात नहीं है, क्योंकि इस देश का, "सच में ही भगवान मालिक है!"
मैं तो चाहूँगा कि अपनी नौकरी को खतरे में डाले बिना यदि सम्भव हो तो रेल संरक्षा में होने वाली लापरवाही को देश के सामने लाया जावे! मैं आपको सहयोग करने को तैयार हूँ| मेरा मेल नीचे लिखा है!
E-mail : dr.purushottammeena@yahoo.in
Blog : http://baasindia.blogspot.com/
आपका मित्र और सहयोगी
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा, मुख्य संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
आपके एस प्यार के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, शेष बातों के लिए में आपसे सीधे बात करूँगा श्रीमान जी.
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