लाल सिग्नल के नज़दीक मत जाइये,
अनहोनी को जानकर न पास में बुलाइये |
अनहोनी को जानकर न पास में बुलाइये |
पग - पग पर चुनौती, अपने ज्ञान को बढाइये,
मुश्किल सारे काम लेकिन हार मत मानिये |
मुश्किल सारे काम लेकिन हार मत मानिये |
थका हुआ तन अगर न हो मन, घर में बैठ जाइये,
उस हालत में भूलकर भी रिस्क न उठाइये |
उस हालत में भूलकर भी रिस्क न उठाइये |
सिग्नल हो विपरीत तब स्पीड मत बढाइये,
'दुर्घटना से देर भली' यह मंत्र गुनगुनाइये |
'दुर्घटना से देर भली' यह मंत्र गुनगुनाइये |
नींद - नशा हैं दुश्मन, इनसे मेल मत बढाइये,
अगर कभी हों साथ, काम से परिचय न कराइये |
अगर कभी हों साथ, काम से परिचय न कराइये |
जीवन के संघर्ष आप सब घर में रखकर जाइये,
ड्यूटी के दौरान कभी न उनको दोहराइये |
ड्यूटी के दौरान कभी न उनको दोहराइये |
कर्म तुम्हारा धर्म, उसे तुम पस्त न होने दीजिये,
अपने अपने कामों को तरजीह पहले दीजिये |
अपने अपने कामों को तरजीह पहले दीजिये |
पीछे भी गाड़ी है उसको आप मत सोचिये,
संरक्षा पालन पर केवल ध्यान अपना दीजिये |
संरक्षा पालन पर केवल ध्यान अपना दीजिये |
समय बद्धता की ख़ातिर ना रेल को दौड़ाइए,
संरक्षा से सुखद सफ़र की ख़ातिर इसे चलाइये |
संरक्षा से सुखद सफ़र की ख़ातिर इसे चलाइये |
मेरे इस निवेदन को उपदेश मत जानिये,
आपका हूँ मैं भी मेरी बात मान लीजिये |
आपका हूँ मैं भी मेरी बात मान लीजिये |
1 comment:
Hi, Ashok....
Very nice poem...
Keep it up...
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