दुर्घटना से रहित रेल का, सपना साकार बनायेंगे।
इस देश की जीवन रेखा से, दुर्घटना नाम हटायेंगे॥
नियम सभी संचालन के, हम हर-पल अमल में लायेंगे।
दुर्घटना का नामो-निशां, मिलकर हम सभी मिटायेंगे॥
हर पल सजग-सतर्क रहें हम, मानव-धर्म निभायेंगे।
हर यात्री उसकी मंजिल तक, निर्भयता से पहुंचाएंगे॥
संरक्षा के नारों से हम, कब तक दिल बहलाएँगे।
अब समय आ गया है मित्रो, उन सबको अमल में लायेंगे॥
रेल चले तो देश चले, हम दिल से नहीं भुलायेंगे।
संरक्षा से रेल चला, भारत को सुद्रढ़ बनायेंगे॥
यह रेल हमारी पोषक है, हम इसको खूब मान देंगे।
इसकी संरक्षा में अपना, तन-मन हम अर्पण कर देंगे॥
अब रेल संरक्षा की खातिर, बलिदान तुम्हें करना होगा।
तुम बहुत सो चुके हो जग में, लेकिन अब तो जगना होगा॥
भारतीय रेल के श्रम-वीरो, आगे आकर संकल्प करो।
संरक्षा को गले लगाकर, दुर्घटना को दूर करो॥
मानवता की रक्षा के लिए, यह प्रण तुमको करना होगा।
हर-पल हर-क्षण संरक्षा को, सबसे आगे रखना होगा॥
फिर दिन वह दूर नहीं होगा, तुम दुनियां में छा जाओगे।
अखिल-विश्व में सफल-रेल का, परचम तुम लहराओगे॥
"संरक्षा दर्शन के अंक-११ में प्रकाशित"
इस देश की जीवन रेखा से, दुर्घटना नाम हटायेंगे॥
नियम सभी संचालन के, हम हर-पल अमल में लायेंगे।
दुर्घटना का नामो-निशां, मिलकर हम सभी मिटायेंगे॥
हर पल सजग-सतर्क रहें हम, मानव-धर्म निभायेंगे।
हर यात्री उसकी मंजिल तक, निर्भयता से पहुंचाएंगे॥
संरक्षा के नारों से हम, कब तक दिल बहलाएँगे।
अब समय आ गया है मित्रो, उन सबको अमल में लायेंगे॥
रेल चले तो देश चले, हम दिल से नहीं भुलायेंगे।
संरक्षा से रेल चला, भारत को सुद्रढ़ बनायेंगे॥
यह रेल हमारी पोषक है, हम इसको खूब मान देंगे।
इसकी संरक्षा में अपना, तन-मन हम अर्पण कर देंगे॥
अब रेल संरक्षा की खातिर, बलिदान तुम्हें करना होगा।
तुम बहुत सो चुके हो जग में, लेकिन अब तो जगना होगा॥
भारतीय रेल के श्रम-वीरो, आगे आकर संकल्प करो।
संरक्षा को गले लगाकर, दुर्घटना को दूर करो॥
मानवता की रक्षा के लिए, यह प्रण तुमको करना होगा।
हर-पल हर-क्षण संरक्षा को, सबसे आगे रखना होगा॥
फिर दिन वह दूर नहीं होगा, तुम दुनियां में छा जाओगे।
अखिल-विश्व में सफल-रेल का, परचम तुम लहराओगे॥
"संरक्षा दर्शन के अंक-११ में प्रकाशित"
3 comments:
aapne aaj jo rail me durghatnaye ho rahi hai use bilkul sahi likha hai padkar bahut accha lakha keep writing
आप ने मेरे ब्लॉग को पढ़ा और टिपण्णी की, में आपका बहुत आभारी हूँ, मुझे लिखने के लिए समय बहुत कम ही मिल पता है परन्तु आपका यही प्यार मेरी प्रेरणा है. पुनः धन्यवाद.
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