Thursday, August 18, 2016

आओ मिलकर रेल चलाऐं,

आओ मिलकर रेल चलाऐं,
दिल में यह संकल्प जगाऐं। 
हंसी ख़ुशी से जीवन पथ पर,
संरक्षा को अमल में लाऐं।।
काम हमारा जैसा भी हो,
धर्म समझकर उसे निभाऐं। 
रेल चले तो देश बढ़ेगा,
इस विचार को सबल बनाऐं।।
संयम की राहों पर चलकर,
लापरवाही दूर भगाऐं।
नियमों का अनुपालन करके,
संचालन को सफल बनाऐं।।
नशा-नींद से दूर रहें सब,
जीवन चंचल चपल बनाऐं।
दुर्घटना की घोर निराशा,
तत्परता से अंत कराऐं।।
स्वस्थ विचारों के हों अंकुर,
मलिन ख़याल कभी ना लाऐं।।
जीवन है क्षण-भंगुर मित्रो,
सफल सुनिश्चित इसे कराऐं।।
मन उपजे संताप कभी,
उस कारण का हर अक्स मिटाऐं।
हों अ'शोक सब जन-गण-मन,
ऐसी आशा के दीप जलाऐं।।