Friday, December 16, 2011

“मानवता”

हम सबका परिवार एक, क्यों भेद-भाव फिर रखते हो,
अपने ह़ी भाई से इतनी, नफरत कैसे करते हो ?
बातें करते मानवता की, खुद को ग्रेट समझते हो,
फिर क्यों अपने ह़ी लोगों की, पोल खोलते फिरते हो ?
खूब समझते "शक्ति-ऐकता", क्यों फिर इससे वंचित हो,
अपने मन में झांक देखना, कितनी कोशिस करते हो ?
जब सब भाई एक-जाति, और काम एक-सा करते हो,
लाल-तिरंगा-भगवा की, क्यों राजनीति में पड़ते हो ?
सभी संगठन हैं अपने, तुम उनका काम समझते हो,
हम सब "मोटरमैन" प्रथम, क्यों नहीं भावना रखते हो?
यूँ ह़ी दुश्मन बहुत खड़े, पहचान बखूब समझते हो,
अपनों की फिर चुगली कर, क्यों जड़ें खोखली करते हो ?
सर्व-प्रथम सब एक, "रंनिंग-परिवार" की बातें करते हो,
अपना-अपना झंडा लेकर, सहज भटक क्यों जाते हो ?
आओ आज करो यह निश्चय, किसकी वाट जोहते हो,
कौन आएगा समझाने, तुम सबका हाल समझते हो ?
बहुत हुआ आघात अभी तक, हर क्रंदन से परिचित हो,
अब तक हुआ और नहीं हो,क्या अटल प्रतिज्ञा करते हो ?
नहीं बाँटेंगे किसी हाल में, हर दिल में संकल्प ये हो,
खुद से वादा कर लेना, यदि मानवता के रक्षक हो |

Sunday, August 14, 2011

रेल सेवक

रेल सेवक का ऐसा काम होना चाहिए,
हर हालत में अब्वल ही मुकाम होना चाहिए|
ड्यूटी पर तैनात बिल्ला वर्दी का हो साथ,
साफ़ सुथरा सा उसका स्वरुप होना चाहिए|
शिष्ट, सभ्य, चुस्त दिखने में तंदरुस्त,
अपने काम का भी उसे पूरा ज्ञान होना चाहिए|
लोगों की मदद कर पूरी जानकारी दे दे,
सेवा में ना कोई निजी स्वार्थ होना चाहिए|
पूछे कोई नाम उसे समझे आपकी शान,
जो भी करता उस काम का गुमान होना चाहिए|
कहीं ऐसा हो अनुमान जिसमें रेल का नुकसान,
मालुम पड़े तो वरिष्ठ को सन्देश देना चाहिए|
दुर्घटना अवरोध ऐसा हो यदि कोई योग,
उसको दूर करने में सहयोग होना चाहिए|

कभी हो जो आस-पास किसी खतरे का आभाष,
उसे संरक्षा के साथ फ़ौरन रोक देना चाहिए|
मेरा पूरा है विश्वास अपनी रेलवे के पास,
हर "कर्मवीर" ऐसा ही "प्रवीण" होना चाहिए|

Thursday, March 31, 2011

हे चालक श्रमवीर!

हे चालक  श्रमवीर  तुम्हें  चलते  रहना है,
पल - पल में व्यवधान तुम्हें लड़ते रहना है|
समय - सुरक्षा - संचालन  को  ढाल बनाकर,
नित नए सफ़र पर बस तुमको बढ़ाते रहना है||

चिंता  और  तनाव  यहाँ  सर  तान  खड़े  हैं,
व्यसनों के सब मकड़ जाल हर ओर घने हैं|
पर अपने मकसद को केवल ध्येय बनाकर,
हर हालत में तुमको हर पल खुश रहना है||
अपना  एक उद्देश्य  सफल  संचालन का है,
सहकर्मी   सहयोग   सदा   लेना   देना  है|
ख़ुशी ख़ुशी सबको उनकी मंजिल पहुंचाकर,
 चहरे  पर  मुस्कान  लिए  घर  में  जाना है||
अंतर्मन  की  सदा  सुनो  वह  सच कहता है,
सही गलत जो किया वहां सब कुछ दिखता है|
कार्य-कुशलता को शत प्रतिशत अंक लगाकर,
अपना  कार्य  तुम्हें  हर  पल अब्वल करना है||