Saturday, January 30, 2010

दिल में रखना हर-दम

संरक्षा को समझ प्रेमिका, दिल में रखना हर-दम|
नहीं पडेगा पछताना, सब सुखी रहेंगे हर - दम||
कर  पूरा  विश्राम,  काम  पर जाना  याद रखोगे,
ड्यूटी पर रहकर घर की सब, याद सखा विसरोगे|
संरक्षा  तेरे  दिल  में  फिर, साथ  रहेगी हर-दम||
नहीं पड़ेगा पछताना.........................................||
कर्म सिर्फ है धर्म, कभी तुम भार इसे न समझना,
नियमों के अनुसार काम को, तन्मयता से करना|
संरक्षा तन-मन को तेरे, स्वस्थ रखेगी हर-दम||
नहीं पडेगा पछताना.........................................||
सदा काम  में लापरवाही, सिर्फ  हानि  करती है,
चौकन्ने और सज़ग व्यक्ति से, दुर्घटना डरती है|
लगा रहे दिल संरक्षा से, मुदित ह्रदय हो हर-दम||
नहीं पड़ेगा पछताना.........................................||
कैसे   भी   संरक्षा   से,  सदा   मोहब्बत   करना,
काट-छाँट  के कामों से, मेरे यार  हमेशा  डरना|
जल्दी का फल कभी नहीं, मीठा होता सुन रे मन||
नहीं पड़ेगा पछताना.........................................||

"संरक्षा दर्शन के अंक-20 में प्रकाशित"

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