Thursday, October 28, 2010

'शून्य दुर्घटना' लक्ष्य

हो 'शून्य दुर्घटना' लक्ष्य तेरा, और संरक्षा का बाण,
नियम सभी हों सैनिक तेरे, और विश्वास कमान|
कभी नहीं डरना जीवन में, लेना मन में ठान,
इश्वर भी तेरे संग रहेगा, बात मेरी ले मान||

जीवन है संघर्ष, मगर संरक्षा कवच सामान,
चक्रव्यूह हैं व्यसन सभी, मत करना तू आवाहन|
दुर्घटना से समर विजय, होना ही तेरा मुकाम,
सदा तेरी जयकार रहेगी, निश्चित लेना जान||

भूल-चूक, लापरवाही, तो सदा करे नुकसान,
दुर्घटना की जननी है, जन-मन को पाप सामान|
सतत कामना कर, इनसे तू मत रखना पहचान,
जीवन में खुशियाँ होंगी, सब पूरे हों अरमान||

लक्ष्य शून्य दुर्घटना का है, मन से करना चिंतन,
अपनी ह़ी जिम्मेदारी, कब समझेगा अंतर्मन|
बहुत हुआ आघात, दिलों में भरा हुआ है क्रंदन,
खुद से पूछो कहाँ कमी, सच कहता है ये दर्पण||

2 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

क्यों दिल का दौरा पड़वाने जैसी चीज लिख देते हैं. शून्य दुर्घटना लक्ष्य भारत में !

ASHOK said...

Bahut bahut dhanyawad aapka,,,,,
शून्य दुर्घटना लक्ष्य भारत में......हमारी सोच हमें बदलनी होगी मित्र....